शुक्रवार को शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बाद अब सोने और चांदी की कीमतों में भी तेज गिरावट दर्ज की गई। घरेलू बाजार में सोना 0.26% फिसलकर 1,22,727 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया, जबकि चांदी 0.62% टूटकर 1,54,151 रुपये प्रति किलो पर बंद हुई।
गिरावट सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि ग्लोबल मार्केट में भी देखने को मिली, जहां कई तरह के मिले-जुले संकेतों ने निवेशकों को सावधान कर दिया।
गिरावट की सबसे बड़ी वजह: अमेरिका का मिक्स्ड जॉब डेटा और फेड की अनिश्चितता
शुक्रवार को आए अमेरिकी जॉब्स डेटा ने बाजार को उलझा दिया।
- सितंबर 2025 में अमेरिका में 119,000 नई नौकरियां जुड़ीं — जो उम्मीद से ज्यादा थीं
- लेकिन बेरोजगारी दर बढ़कर 4.4% पहुंच गई — जो अक्टूबर 2021 के बाद सबसे ज्यादा है
यह डेटा बाजार के लिए पॉज़िटिव भी था और नेगेटिव भी, और इसी मिक्स्ड सिचुएशन ने निवेशकों को भ्रमित कर दिया।
नतीजा—
✔ डॉलर मजबूत हुआ
✔ सोने पर बिकवाली बढ़ गई
✔ रेट कट की उम्मीदें कमजोर हुईं
ऊपर से अमेरिकी सरकार का लम्बा शटडाउन चल रहा था, जिससे रिपोर्ट भी देरी से आई। कुल मिलाकर निवेशक ‘सेफ मोड’ में चले गए और सोने में गिरावट बढ़ती गई।
ग्लोबल डिमांड बिगड़ी: चीन में ध्वस्त, भारत में भी सुस्ती
1. चीन की गोल्ड डिमांड बुरी तरह लुढ़की
स्विट्जरलैंड के गोल्ड एक्सपोर्ट अक्टूबर में भारी गिर गए—
- कुल एक्सपोर्ट: 11% ↓
- चीन को एक्सपोर्ट: 93% ↓ (सिर्फ 2.1 टन)
चीन में कीमतें ऊंची हैं और उपभोक्ता खर्च पहले ही दबाव में है, ऐसे में गोल्ड की खरीदारी लगभग रुक सी गई है।
2. भारत में भी खरीदारी कमजोर
शादी का सीजन शुरू होने के बावजूद ज्वैलर्स को खरीदार नहीं मिल रहे।
स्थानीय बाजार में $43/ounce तक का भारी डिस्काउंट चल रहा है — जो 5 महीने में सबसे बड़ा है।
यानि ज्वैलर्स स्टॉक निकालना चाह रहे हैं, पर ग्राहकों की दिलचस्पी कम है।
World Gold Council का डेटा: निवेश बढ़ा, ज्वैलरी घटी
WGC के मुताबिक Q3 में ग्लोबल गोल्ड डिमांड 3% बढ़कर 1,313 टन पर पहुंची।
- निवेशकों की डिमांड → 17% बढ़ी
- गोल्ड ETFs → 134% उछले
- लेकिन ज्वैलरी खरीदारी कमजोर, जो कीमतों को ऊपर जाने नहीं दे रही
टेक्निकल व्यू: सोना अभी दबाव में
- Open interest 1.51% बढ़ा → नई शॉर्ट पोज़िशन बन रही हैं
- Support: 1,21,900 (इससे नीचे 1,21,070 तक रास्ता खुल जाएगा)
- Resistance: 1,23,660 और 1,24,590
- Trading range: 1,21,070 – 1,24,590
तकनीकी चार्ट भी यही दिखा रहे हैं कि सोना अभी मजबूत रिकवरी के मूड में नहीं है।
चांदी क्यों टूटी? फेड + डॉलर + कमजोर मेटल रैली = गिरावट
चांदी ने भी सोने की राह पकड़ ली।
फेड की अक्टूबर मीटिंग में कमेटी की राय बंटी हुई दिखी — कुछ सदस्य रेट कट के पक्ष में नहीं दिखे। इससे डॉलर मजबूत हुआ और मेटल्स की ग्लोबल रैली रुक गई।
अमेरिका के ही सितंबर जॉब डेटा में वेतन वृद्धि 3.8% रही, बेरोजगारी 4.4% पर — इससे सेफ-हेवन डिमांड तो बढ़ी, लेकिन अग्रेसिव खरीदारी नहीं देखी गई।
चांदी का फिजिकल और ग्लोबल स्टॉक अपडेट
- लंदन वॉल्ट्स में इन्वेंटरी 6.8% बढ़कर 26,255 टन
- Comex स्टॉक अक्टूबर से 1,568 टन घटे, लेकिन सालाना आधार पर अभी भी ऊंचे
- ETF होल्डिंग्स 18% YTD बढ़ी — ग्लोबल अनिश्चितता बरकरार
- भारत में शादी सीजन से डिमांड ठीक है
- अमेरिका के संभावित टैरिफ से चांदी की safe-haven डिमांड बनी हुई है
सिल्वर का टेक्निकल व्यू
- Open interest 1.71% बढ़ा — ताज़ा शॉर्ट बिल्डअप
- Support: 1,52,665 → 1,51,180
- Resistance: 1,56,120 → 1,58,090
- Trading range: 1,51,180 – 1,58,090
निष्कर्ष: सोना-चांदी अभी दबाव में, रिकवरी फेड पर निर्भर
कुल मिलाकर, ग्लोबल अनिश्चितता, डॉलर की मजबूती, चीन-भारत में कमजोर फिजिकल डिमांड और अमेरिकी फेड की पॉलिसी अनिश्चितता — इन सबने मिलकर सोने और चांदी की कीमतों पर दबाव बढ़ा दिया है।
आने वाले दिनों में कीमतों की दिशा काफी हद तक फेड की अगली मीटिंग, डॉलर की चाल और चीन की डिमांड पर निर्भर करेगी।