GST में बदलाव के बाद हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में एक बड़ा कदम उठने की तैयारी है। सूत्रों के मुताबिक, प्राइवेट हेल्थ और जनरल इंश्योरेंस कंपनियाँ जल्द ही एजेंट्स, एग्रीगेटर्स और बैंकों के कमीशन में 5–8% तक कटौती कर सकती हैं।
CNBC-TV18 की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में बताया गया है कि इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) खत्म होने के कारण कंपनियों पर लागत बढ़ी है। ऐसे में बीमा कंपनियाँ यह कोशिश कर रही हैं कि GST हटने का पूरा फायदा सीधे ग्राहकों तक पहुँचे, इसलिए कमीशन घटाने का प्लान फाइनल चरण में है।
IRDAI की सख्ती भी बढ़ी
पिछले कुछ समय से इंश्योरेंस सेक्टर में बढ़े हुए कमीशन को लेकर रेगुलेटर IRDAI की चिंता लगातार बढ़ रही थी। इसी मुद्दे को लेकर हाल ही में IRDAI ने प्रमुख बीमा कंपनियों के CEOs के साथ मीटिंग भी की।
इस मीटिंग में ज्यादा कमीशन को लेकर सख्त नाराज़गी जताई गई और कंपनियों को स्पष्ट संदेश दिया गया कि कमीशन स्ट्रक्चर पर नियंत्रण लाना होगा।
MF की तरह TER मॉडल आने की चर्चा
सूत्र बताते हैं कि अब IRDAI, म्यूचुअल फंड्स की तरह Total Expense Ratio (TER) मॉडल बीमा सेक्टर में लागू करने पर विचार कर रहा है।
- इसमें कमीशन और अन्य खर्चों पर एक सख्त कैप लगाया जा सकता है।
- इंश्योरेंस कंपनियों को अपनी पॉलिसी में कमीशन डिस्क्लोजर अनिवार्य करने को भी कहा जा सकता है।
- इस दिशा में सुझाव देने के लिए IRDAI एक विशेष कमेटी भी बना सकता है।
कंपनियाँ जल्द ही IRDAI के सामने TER मॉडल को लेकर अपना प्रेजेंटेशन पेश करने की तैयारी में हैं।
ग्राहकों के लिए इसका मतलब क्या?
अगर कंपनियाँ कमीशन घटाती हैं और TER मॉडल लागू होता है, तो
- पॉलिसी और पारदर्शी होगी
- ग्राहक को मिलने वाला वास्तविक लाभ बढ़ेगा
- उत्पादों की कीमतों में स्थिरता या कमी संभव है
हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में आने वाले हफ्तों में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।