हेलो दोस्तों, आप सभी का स्वागत है हमारे ब्लॉग freeonlineupdate में। भारत में आज भी कई लोग गावों और शहर के लोग आर्थिक रूप से कमजोर है। उन लोगो को उस आर्थिक स्थिति को अच्छा करने के लिए सरकार ने कई योजनायें चलाई गयी है। इन गरीब लोगो के बच्चों को पौष्टिक भोजन नहीं मिल पाने के कारण उन बच्चों की तबीयत ठीक नहीं रहती है और कुछ बच्चें कुपोषण का शिकार भी होते है। गरीब बच्चों को पौष्टिक भोजन की मिल सके और उन बच्चों के माता-पिता स्कूल रोज भेज सके इस लिए एक योजना चलाई गयी है। आज हम आपको एक ऐसी ही योजन बताने जा रहे है और आज का टॉपिक है मध्यान्ह भोजन योजना (मिड डे मील योजना) या पीएम पोषण शक्ति स्कीम क्या है ? हम आपको बताएंगे की मध्यान्ह भोजन योजना के लाभ क्या है, मध्यान्ह भोजन योजना का उद्देश्य क्या है, मध्यान्ह भोजन योजना की विशेषताएं क्या है आदि जैसे कई टॉपिक्स को बताएंगे। अगर हमारा ये पोस्ट आपको अच्छा लगे तो इसे अपनी फैमिली और फ्रेंड्स में शेयर जरूर करना ना भूलें।
Table of Contents
मध्यान्ह भोजन योजना क्या है ?
- मध्याह्न भोजन योजना को भारत की केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा चलाई गई है।
- इस योजना के माध्यम से प्राइमरी विद्यालय तथा उच्च प्राइमरी विद्यालयों में बच्चों को दोपहर का भोजन बिना किसी भी शुल्क के दिया जाता है।
- गरीब बच्चों को पौष्टिक भोजन की मिल सके और उन बच्चों के माता-पिता बच्चों को स्कूल रोज भेज सके इस लिए मध्यान्ह भोजन योजना चलाई गयी है।
- मिड डे मील योजना का नाम बदलकर “पीएम पोषण शक्ति” कर दिया गया है।
- मिड डे मील योजना एक स्कूल फीडिंग योजना है।
- इस योजना को सबसे पहले 1925 में मद्रास नगर निगम के द्वारा शुरू की गयी थी।
- इस योजना को भारत सरकार के द्वारा 15 अगस्त 1995 में शुरू की गयी थी।
- इस योजना को इस लिए चलाया गया था क्योंकि गरीब परिवार के बच्चों को पौष्टिक भोजन रोज मिल सके।
- इस योजना की शुरुआत में बच्चों को कच्चा अनाज, गेहूं, चावल आदि दिए जाते थे।
- लेकिन आज के वर्तमान समय में पका हुआ भोजन बच्चों को दिया जाता है।
- इस योजना के द्वारा बच्चों को सप्ताह में 3 दिन अंडा दिया जाता है।
- इस योजना के लिए 1 रूपये की सहायता मानव संसाधन विकास मंत्रालय के द्वारा की जाती है।
पीएम पोषण शक्ति स्कीम का उद्देश्य :-
- मिड डे मील योजना को मद्रास नगर निगम के द्वारा वर्ष 1925 में शुरू किया गया था।
- पीएम पोषण शक्ति स्कीम का नाम बदलकर “पीएम पोषण शक्ति” कर दिया गया है।
- इस योजना का उद्देश्य यह है की पौष्टिक भोजन से वंचित बच्चों को प्रतिदिन कम से कम एक बार पर्याप्त भोजन उपलब्ध कराया जा सके और स्कूल में बच्चों की संख्या ज्यादा हो सके।
- इस योजना को भारत सरकार के द्वारा 15 अगस्त 1995 में शुरू की गयी थी।
- इस योजना के द्वारा बच्चों को सप्ताह में 3 दिन अंडा दिया जाता है।
- इस योजना के द्वारा 6 वर्ष से लेकर 14 वर्ष के आयु के बच्चों को पोषण के हिसाब से पका हुआ भोजन दिया जाता है।
- यह पौष्टिक भोजन सरकारी या सरकारी सहायता प्राप्त करने वाले स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को दिया जाता है।
- इस योजना के द्वारा बच्चें स्कूल में पुरे समय से रुक कर अपनी पढाई पूरी कर सके।
मिड डे मील योजना के लाभ :-
पीएम पोषण शक्ति स्कीम से हमें कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते है। इन योजना का लाभ उठा कर बच्चे ज्यादा से ज्यादा स्कूल आएंगे और पौष्टिक भोजन पाकर अपने जीवन को अच्छा बनाएंगे। इस योजना के सारे लाभ हम आपको आगे विस्तार से बताने जा रहे है जो की निम्न है-
- इस योजना के माध्यम से बच्चों को पेट भर खाना मिल पाएगा और बच्चों को पौष्टिक भोजन से बच्चों के विकास में सुधार हो सके।
- इस योजना के द्वारा बच्चों के माता-पिता बच्चों को हर रोज स्कूल भी भेज सके इसके लिए भी यह योजना चलाई गयी है।
- रोज स्कूल आने से बच्चों के भविष्य में भी सुधार होगा और बच्चें बीच में अपनी पढ़ाई नहीं रोकेंगे।
- इस योजना के द्वारा देश के ग्रामीण इलाकों में आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवारों की लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा मिलता है।
- इस योजना के माध्यम से बच्चों को निशुल्क भोजन मिलता है।
मध्यान्ह भोजन योजना की विशेषताएं :-
पीएम पोषण शक्ति स्कीम की कुछ विशेषताओं का ध्यान होना भी सभी के लिए आवश्यक होता है। इन विशेषताओं के पता होने पर इस योजना से मिलने वाले लाभ का फायदा उठाया जा सकता है। हम आपको पीएम पोषण शक्ति स्कीम की विशेषताएं नीचे बताने जा रहे है-
- पीएम पोषण शक्ति स्कीम संसार की सबसे बड़ी स्कूल फीडिंग योजना है।
- पीएम पोषण शक्ति स्कीम के द्वारा प्राथमिक स्तर पर प्रत्येक बच्चे के लिए 450 कैलोरी और 12 ग्राम प्रोटीन और उच्च प्राथमिक स्तर पर 700 कैलोरी और 20 ग्राम प्रोटीन वाला भोजन दिया जाता है।
- पीएम पोषण शक्ति स्कीम का संचालन केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा किया जाता है।
- पीएम पोषण शक्ति स्कीम के माध्यम से केंद्र सरकार सभी राज्यों को मुफ्त में अनाज उपलब्ध कराती है।
- इस योजना में अलग-अलग राज्यों द्वारा भी योगदान दिया जाता है और ये योगदान एक दूसरे से भिन्न होता है।
पीएम पोषण शक्ति स्कीम के नुकसान :-
मिड डे मील योजना के कुछ नुकसान भी होते है जिससे इस योजना पर प्रभाव पड़ता है। हम आपको इस योजना के नुकसान आगे बताने जा रहे है जो की निम्न है-
- इस योजना के द्वारा उपलब्ध करवाए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता का खराब होना और पके हुए भोजन की मात्रा कम होती है।
- इस योजना के द्वारा कभी-कभी घटिया किस्म का अनाज भोजन पकाने में प्रयोग किया जाता है।
- कभी-कभी बच्चों को इस योजना के अंतर्गत दिए जाने वाले भोजन में कीडे भी मिलते है और यह इस योजना का एक बहुत बड़ा नुकसान है।
- मिड डे मील योजना के द्वारा विद्यालयों के द्वारा छात्रों की ज्यादा उपस्थिति दिखाकर लूट खसोट की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है।
- मिड डे मील योजना में मिलने वाले भोजन की मात्रा कभी-कभी अपर्याप्त होती है।
- इस योजना के द्वारा मिलने वाले भोजन से कभी-कभी बच्चों की तबियत भी खराब हो जाती है और मौत भी हो जाती है।
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निष्कर्ष :-
हमने आपको अपने आज के इस आर्टिकल में बताया है की मध्यान्ह भोजन योजना (मिड डे मील योजना) या पीएम पोषण शक्ति स्कीम क्या है ? आपको हमारे द्वारा बताई गयी बातें समझ में आई है हम यही आशा करते है। इस योजना के द्वारा आर्थिक रूप से गरीब परिवार के बच्चों को पौष्टिक भोजन निशुल्क प्रदान किया जाता है। इस पौष्टिक भोजन को पाकर बच्चें कुपोषण का शिकार नहीं होंगे और उनके शरीर का विकास भी पूर्ण रूप से होगा। इस योजना को चलाने का यही मकसद है की बच्चों को पौष्टिक भोजन मिल सके और उन बच्चों के माता-पिता उनको स्कूल भेजने के लिए प्रेरित हो। यदि आपको हमारा ये आर्टिकल अच्छा लगे तो आप हमे कमेंट कर सकते है और इसे अपनी फॅमिली और फ्रेंड्स में शेयर करना ना भूलें।
FAQ’s (Frequently Asked Questions) :-
Q.1- पीएम पोषण शक्ति स्कीम के उद्देश्य क्या है ?
Ans. पौष्टिक भोजन से वंचित बच्चों को प्रतिदिन कम से कम एक बार पर्याप्त भोजन उपलब्ध कराया जा सके और स्कूल में बच्चों की संख्या ज्यादा हो सके।
Q.2- पीएम पोषण शक्ति स्कीम को कब शुरू किया गया है ?
Ans. भारत सरकार के द्वारा 15 अगस्त 1995 में शुरू की गयी थी।
Q.3- पीएम पोषण शक्ति स्कीम के द्वारा कितनी उम्र तक के बच्चों को भोजन दिया जाता है ?
Ans. 6 वर्ष से लेकर 14 वर्ष के आयु के बच्चों को

वर्षा सरकारी योजना और बैंक लोन पर आर्टिकल लिखने वाली राइटर है। उनका उद्देश्य लोगों को सरकारी योजनाओं और बैंक लोन के बारे में सही जानकारी प्रदान करना है ताकि वे अपने वित्तीय लक्ष्य पूरे कर सकें और अपने सपनों को पूरा कर सकें। वर्षा का राइटिंग स्टाइल अत्यधिक विवेकपूर्ण होता है और उनके आर्टिकल वित्तीय विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करते हैं, ताकि आम लोग उन्हें आसानी से समझ सकें।
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