रविचंद्रन अश्विन का छठा टेस्ट शतक चेन्नई में बांग्लादेश के खिलाफ शानदार पारी

रविचंद्रन अश्विन का छठा टेस्ट शतक: चेन्नई में बांग्लादेश के खिलाफ शानदार पारी

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चेन्नई के एम.ए. चिदंबरम स्टेडियम में चल रहे भारत बनाम बांग्लादेश के पहले टेस्ट मैच में रविचंद्रन अश्विन ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह न केवल एक बेहतरीन गेंदबाज हैं, बल्कि एक शानदार बल्लेबाज भी हैं। अश्विन ने 8वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए अपने टेस्ट करियर का छठा शतक जड़ा, जो कई मायनों में खास है।

शुरुआत में संघर्ष

पहले दिन का खेल भारतीय टीम के लिए चुनौतीपूर्ण रहा। बांग्लादेश के गेंदबाजों ने भारतीय टॉप ऑर्डर को जल्दी पवेलियन भेज दिया। रोहित शर्मा, विराट कोहली और शुभमन गिल जैसे स्टार बल्लेबाज सस्ते में आउट हो गए। इस मुश्किल स्थिति में अश्विन ने क्रीज पर कदम रखा और अपनी टीम को संकट से बाहर निकाला।

रविचंद्रन अश्विन की पारी का महत्व

अश्विन ने अपनी पारी की शुरुआत से ही आक्रामक रुख अपनाया। उन्होंने पहले 58 गेंदों में अर्धशतक पूरा किया और फिर अगले 50 गेंदों में शतक तक पहुंच गए। अश्विन की इस पारी ने भारतीय टीम को एक सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया और बांग्लादेश के गेंदबाजों के हौसले पस्त कर दिए।

जडेजा के साथ साझेदारी

रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा ने सातवें विकेट के लिए 195 रनों की नाबाद साझेदारी की। इस साझेदारी ने भारतीय टीम को मजबूत स्थिति में ला दिया। जडेजा ने भी अश्विन का भरपूर साथ दिया और दोनों ने मिलकर बांग्लादेश के गेंदबाजों का डटकर सामना किया।

अश्विन का शतक: एक ऐतिहासिक उपलब्धि

अश्विन का यह शतक कई मायनों में खास है। यह उनका टेस्ट करियर का छठा शतक है और चेन्नई में उनका दूसरा शतक है। इससे पहले उन्होंने 2021 में इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में ही शतक लगाया था। अश्विन ने इस पारी के दौरान पाकिस्तान के कामरान अकमल और वेस्टइंडीज के जेसन होल्डर को पीछे छोड़ते हुए 8वें नंबर पर सबसे ज्यादा शतक लगाने का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया।

अश्विन की बल्लेबाजी तकनीक

अश्विन ने अपनी बल्लेबाजी तकनीक में काफी सुधार किया है। उन्होंने हाल ही में टीएनपीएल टी20 टूर्नामेंट में अपनी बल्लेबाजी पर काम किया था, जिसका असर इस पारी में साफ दिखाई दिया। अश्विन ने बताया कि उन्होंने जानबूझकर आक्रामक बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया था, जो उनकी रणनीति का हिस्सा था।

निष्कर्ष

रविचंद्रन अश्विन का यह शतक भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ता है। उनकी इस पारी ने न केवल भारतीय टीम को संकट से बाहर निकाला, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि वह एक बेहतरीन ऑलराउंडर हैं। अश्विन की इस पारी ने क्रिकेट प्रेमियों को एक यादगार अनुभव दिया है और आने वाले मैचों में भी उनसे ऐसी ही उम्मीदें रहेंगी।

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