हेलो दोस्तों आप सभी का स्वागत है हमारे ब्लॉग freeonlineupdate में। भारत वर्ष में धीरे-धीरे लगातार प्रगति है और लगातार प्रगति से देश के युवा सशक्त, विकासशील और आत्मनिर्भर बनेंगे। इस योजना के द्वारा भारत को कई महानगरों से जोड़ा जाएगा। इस योजना के माध्यम से भारत में सड़कों का निर्माण भी होगा और किसी भी व्यक्ति को आवाजाही में कोई परेशानी नहीं होगी। इस योजना को प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा चलाई गयी है। इस योजना के द्वारा चार बड़े-बड़े महानगरों को जोड़ा गया है और यह मैप में देखने पर चतुर्भुज के आकार का दिखाई देता है इस लिए इस योजना को स्वर्णिम चतुर्भुज योजना बोला गया है। भारत के सड़कों का विकास करने के लिए आज हम आपके लिए ऐसी ही एक योजना लेकर आये है और आज का हमारा आर्टिकल है स्वर्णिम चतुर्भुज योजना क्या है और इसका सार। हम आपको इस योजना से जुडी सारी जानकारी हम आपको आगे बताने जा रहे है। अगर आपको हमारा ये पोस्ट अच्छा लगे तो इसे अपनी फैमिली और फ्रेंड्स में शेयर जरूर करना ना भूलें।
Table of Contents
स्वर्णिम चतुर्भुज योजना क्या है ?
- भारत एक विकाशशील देश है और भारत धीरे-धीरे और लगातार प्रगति कर रहा है।
- स्वर्णिम चतुर्भुज योजना को भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के द्वारा वर्ष 2001 में शुरू की गयी थी।
- इस योजना के द्वारा भारत को चार महानगरों से जोड़ा जायेगा।
- इस योजना के द्वारा कई नगरों को आपस में जोड़ने से आवागमन में कोई परेशानी नहीं होगी।
- इस योजना के माध्यम से जब भारत को चार नगरों से जोड़ा जाता है तो मैप में एक चतुर्भुज की आकृति बनती है इसी लिए इस योजना का नाम स्वर्णिम चतुर्भुज योजना पड़ा।
- यह योजना भारत की सबसे बड़ी योजना है।
- स्वर्णिम चतुर्भुज योजना विश्व की पाँचवी सबसे बड़ी राजमार्ग योजना है।
- इस योजना के द्वारा भारत के चार महानगर दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता और चेन्नई को आपस में जोड़ा गया है।
- स्वर्णिम चतुर्भुज योजना वर्ष 2012 में पूरी हुई है।
- swarnim chaturbhuj yojana के द्वारा बनाये गए राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल लंबाई 5846 कि.मी. है।
- स्वर्णिम चतुर्भुज योजना के द्वारा बनाये गए राष्ट्रीय राजमार्ग को बनाने में लगभग 6 खरब रुपए का खर्च आया है।
- इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित प्रमुख नगर दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई, कोलकाता, अहमदाबाद, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, जयपुर, कानपुर, पुणे, सूरत, गुंटुर, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम।
- इस योजना के द्वारा बने राष्ट्रीय राजमार्ग में 4 लेन और 6 लेन सड़क का निर्माण किया गया है।
स्वर्णिम चतुर्भुज योजना का उद्देश्य :-
- स्वर्णिम चतुर्भुज योजना को भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के द्वारा वर्ष 2001 में शुरू की गयी थी।
- इस योजना के द्वारा भारत को चार महानगरों से जोड़ा जाएगा।
- swarnim chaturbhuj yojana के माध्यम से जब भारत को चार नगरों से जोड़ा जाता है तो मैप में एक चतुर्भुज की आकृति बनती है इसी लिए इस योजना का नाम स्वर्णिम चतुर्भुज योजना पड़ा।
- स्वर्णिम चतुर्भुज योजना को चलाने का उद्देश्य यह है की भारत के बड़े चार महानगरों को आपस में जोड़ना।
- इस योजना के द्वारा भारत को इन चार नगरों दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई, कोलकाता से जोड़कर आवागमन में कोई परेशानी नहीं होगी। स्वर्णिम चतुर्भुज योजना वर्ष 2012 में पूरी हुई है।
- इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित प्रमुख नगर दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई, कोलकाता, कानपुर, पुणे, सूरत, गुंटुर, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, अहमदाबाद, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, जयपुर।
- इस योजना के द्वारा बनाये गए राष्ट्रीय राजमार्ग को बनाने में लगभग 6 खरब रुपए का खर्च आया है और इस योजना के द्वारा बने राष्ट्रीय राजमार्ग में 4 लेन और 6 लेन की सड़क का निर्माण किया गया है।
स्वर्णिम चतुर्भुज योजना में जोड़े जाने वाले महानगर :-
स्वर्णिम चतुर्भुज योजना के द्वारा चार महानगरों को एक क्रम में जोड़ा गया है और उन्हें कुछ नाम दिया गया है वो हम आपको आगे बताने जा रहे है जो की निम्न है-
क्रम संख्या | महानगर | राष्ट्रीय मार्ग संख्या |
1. | दिल्ली से मुम्बई | NH-8 |
2. | दिल्ली से कोलकाता | NH-2 |
3. | कोलकाता से चैन्नई | NH-5 |
4. | मुम्बई से चैन्नई | NH-4 |
स्वर्णिम चतुर्भुज योजना के चार वर्ग :-
स्वर्णिम चतुर्भुज योजना के द्वारा चार महानगर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई को आपस में जोड़ा गया है। इन चारों महानगरों को जोड़ने के लिए इस योजना को चार भागों में बांटा गया था।
- भाग 1 :- इस भाग में दिल्ली से कोलकाता को जोडा गया है जिसकी कुल लंबाई 1454 किलोमीटर है।
- भाग 2 :- इस भाग में कोलकाता से चेन्नई को जोड़ा गया है जिसकी कुल लंबाई 1684 किलोमीटर है।
- भाग 3 :- इस भाग में चेन्नई से मुंबई को जोड़ा गया है जिसकी कुल लंबाई 1290 किलोमीटर है।
- भाग 4 :- इस भाग में मुंबई से दिल्ली को जोड़ा गया है इसकी कुल लंबाई 1419 किलोमीटर है।
स्वर्णिम चतुर्भुज योजना के अन्तर्गत आने वाले प्रमुख राज्य और प्रमुख नगर :-
स्वर्णिम चतुर्भुज योजना के द्वारा जो राजमार्ग बनाया गया है वह राजमार्ग में कुछ नगर और राज्य से होकर गुजरता है। स्वर्णिम चतुर्भुज राजमार्ग के बीच 13 प्रमुख राज्य और कुछ नगर आते है वो हम आपको आगे बताने जा रहे है जो की निम्न है-
A. स्वर्णिम चतुर्भुज राजमार्ग में शामिल प्रमुख शहर :-
स्वर्णिम चतुर्भुज राजमार्ग में देश के कुछ शहर भी शामिल है जैसे भुवनेश्वर, जयपुर, कानपुर, पुणे, सूरत, गुंटुर, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, अहमदाबाद और बेंगलुरु इत्यादि।
B. स्वर्णिम चतुर्भुज राजमार्ग में शामिल प्रमुख राज्य :-
स्वर्णिम चतुर्भुज योजना के द्वारा बनाया गया राजमार्ग में देश के लगभग 13 राज्यों के मध्य से होकर गुजरता है। यह राज्य दिल्ली, हरियाणा, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, उड़ीसा और आंध्र प्रदेश है।
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निष्कर्ष :-
हमने आपको अपने आज के इस आर्टिकल में बताया है की स्वर्णिम चतुर्भुज योजना क्या है और इसका सार। आप हमारे द्वारा बताई गयी बातें समझ में आई है हम यही आशा करते है। इस योजना के द्वारा देश को चार महानगरों की सड़कों से जोड़ा जाएगा। इससे भारत देश के विकास में कोई बाधा नहीं आएगी। इस योजना के द्वारा महानगरों को जोड़ने से आवाजाही में भी कोई परेशानी नहीं होगी। इस तरह से देश का विकास लगातार होता जायेगा। यदि आपको हमारा ये आर्टिकल अच्छा लगे तो आप हमे कमेंट कर सकते है और इसे अपनी फॅमिली और फ्रेंड्स में शेयर करना ना भूलें।
FAQ’s (Frequently Asked Questions) :-
Q.1- स्वर्णिम चतुर्भुज योजना को कब और किसने शुरू किया ?
Ans. भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के द्वारा वर्ष 2001 में शुरू की
Q.2- स्वर्णिम चतुर्भुज योजना का उद्देश्य क्या है ?
Ans. उद्देश्य यह है की भारत के बड़े चार महानगरों को आपस में जोड़ना।
Q.3- स्वर्णिम चतुर्भुज योजना किस वर्ष पूरी की गयी थी ?
Ans. वर्ष 2012 में पूरी हुई है।
वर्षा सरकारी योजना और बैंक लोन पर आर्टिकल लिखने वाली राइटर है। उनका उद्देश्य लोगों को सरकारी योजनाओं और बैंक लोन के बारे में सही जानकारी प्रदान करना है ताकि वे अपने वित्तीय लक्ष्य पूरे कर सकें और अपने सपनों को पूरा कर सकें। वर्षा का राइटिंग स्टाइल अत्यधिक विवेकपूर्ण होता है और उनके आर्टिकल वित्तीय विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करते हैं, ताकि आम लोग उन्हें आसानी से समझ सकें।