नमस्कार दोस्तों आप सभी का स्वागत है हमारे ब्लॉग पर आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे ELSS यानि Equity Linked Savings Scheme फंड के बार में यह क्या है और इसके बारे में संपूर्ण जानकारी तो इस आर्टिकल को लास्ट तक जरूर पढ़िए । सबसे पहले जानते है की ELSS क्या होता है?
Table of Contents
Equity Linked Savings Scheme क्या है?
ELLS यानि की Equity Linked Savings Scheme जैसा कि इसके नाम से लग रहा है की ये स्कीम इक्विटी लिंक्ड है । इक्विटी लिंक्ड यानि की इसमें जो मिलने वाला इंट्रेस्ट होता है वो मार्केट पर आधारित होता है । मुख्यतः म्यूचुअल फंड को हम केवल एक इन्वेस्टमेंट की तरह देखते हैं लेकिन ELSS में हम इन्वेस्टमेंट के साथ साथ टैक्स सेविंग भी कर सकते हैं । ELSS म्यूचुअल फंड में हमे मॉडरेट रिस्क के साथ साथ हाई रिटर्न मिलते है जिस में की फंड मैनेजर्स हमारे रिटर्न्स और इन्वेस्टमेंट दोनों को मैनेज करते हैं । अब जानते है की ELSS काम कैसे करता है?
ELLS के कार्य :-
- ELLS में हमारा पैसा फंड मैनेजर अलग अलग स्टॉक्स में इन्वेस्ट करते है और हमे उसके अनुसार हमे रिटर्न्स मिलते हैं ।
- जब हम डायरेक्ट स्टॉक में निवेश नहीं करना चाहते या फिर हमारे पास इतना टाइम नही होता की हम स्टॉक्स के लिए रिसर्च करें तो म्यूचुअल फंड हमारे लिए बेस्ट होता है ।
- इसमें फंड मैनेजर्स हमारे पैसों को अलग-अलग जगहों पर निवेश करते हैं और उसके रिटर्न हमे मिलते हैं ।
- अगर आप इन्वेस्टिंग के साथ साथ सेविंग भी करना चाहते हैं तो ELSS में निवेश हमारे लिए सबसे अच्छा ऑप्शन है । चलिए अब जानते है की ELSS में निवेश के क्या-क्या लाभ हैं।
Equity Linked Savings Scheme में निवेश से लाभ :-
- सबसे पहला लाभ तो यह है की हमें इसमें हाई रिटर्न्स मिलते है।
- ELSS में हम औसत रिटर्न 15 से लेकर 20 प्रतिशत तक मिलता है जोबकी किसी और स्कीम से काफी ज्यादा अच्छा है । इसलिए ये स्कीम रिटर्न्स के मामले में हमारे लिए काफी अच्छा है ।
- इससे हमें टैक्स में भी लाभ मिलता है सामान्यतः लोग ELSS में निवेश टैक्स सेविंग के लिए ही करते हैं । ELSS में निवेश करने पर हमें सेक्शन 80C के अन्दर टैक्स रिलीफ मिलता है मतलब हमारी निवेश पर 1.5 लाख रुपए तक का टैक्स बेनिफिट्स मिलता है ।
- अगला लाभ है मॉडरेट रिस्क इसमें हमारी निवेश पर मॉडरेट रिस्क होता है यानि की इसमें स्टॉक मार्केट की तरह हाई रिस्क नहीं होता और हमारा पैसा पूरी तरह से सेफ होता है तो यह पर आपको मॉडरेट रिस्क के साथ हाई रिटर्न्स भी मिलते हैं ।
- अगला लाभ है एडवांटेज ऑफ कंपाउंडिंग इसमें निवेश किया गया पैसा तेजी से कंपाउंड होता है और कंपाउंडिंग को वजह से पैसा बहुत तेजी से बढ़ता है जिसे कुछ समय के बाद हम अच्छा खासा प्रोफिट कमा सकते हैं ।
- इसमें हमें लॉकिंग पीरियड का लाभ भी मिलता है । ELSS का लॉकिंग पीरियड होता है 3 साल का यानि की एक लॉन्ग टर्म स्कीम है जिसमे की निवेश किया हुआ पैसा हम 3 साल के बाद ही निकाल सकते हैं । तो इसमें वही पैसे निवेश करे जिसकी आपको तुरंत जरूरत न हो। तो इसमें आपका पैसा लॉन्ग टर्म तक सिक्योर रहता है ।
- अगला लाभ है SIP या लंबसभ वैसे तो हम ELSS में किसी भी न्यूनतम राशि से निवेश शुरू कर सकते है लेकिन हमे से कुछ लोग ऐसे होते हैं जो सोचते है बार बार कौन निवेश करे हम सारा एक ही बार में कर देते हैं तो इसमें आपको दोनो ही ऑप्शन मिलते हैं । अगर आप इसमें एक ही बार में निवेश करना चाहे तो आप लंबसंब राशि एक ही साथ इनवेस्ट कर सकते हैं । लेकिन आपबेल साथ निवेश न करके धीरे धीरे से निवेश करना चाहे तो आप SIP का ऑप्शन भी चुन सकते हैं । तो आपको यहां पर अपनी इंवेस्टमेंट के लिए एक फ्लैक्सबिलिटी भी मिल जाती है ।
ELLS,PPF और NPS में तुलना :-
Category | PPF | NPS | ELSS |
Risk | Low | Moderate | Moderate |
Lock in | 15 Years | 60 Years | 3 Years |
Returns | 7-8% | 12-15% | 15-20% |
Tax Benefits | Rs.1.5 lakh (section 80c) | Rs.1.5 lakh (section 80c) | Rs.1.5 lakh (section 80c) |
Taxable Returns | No | No | 10% Capital Gain |
ELSS पर टैक्स बेनिफिट्स :-
वैसे तो ELSS सेक्शन 80c में आता है तो हमे 1.5 लाख तक के निवेश पर टैक्स रिबेट मिल सकता है । लेकिन इसमें टैक्स बेनिफिट हमारे टैक्सलेब पर भी निर्भर करते है। जितना ज्यादा हमारा टैक्स लैब होगा उतना ज्यादा हमे बेनिफिट मिलेगा । अगर हम 20% टैक्सलैब में आते हैं तो हमे 31,200 रुपए तक का टैक्स बेनिफिट और 30% के अन्दर आते है तो 46,800 रुपए तक का टैक्स बेनिफिट मिलेगा।
तो आप अपनी टैक्स बेनिफिट टैक्सलैब के अनुसार कैलकुलेट कर सकते हैं ।
ELSS में निवेश कैसे करें
इसमें हम दो तरीके से निवेश कर सकते हैं –
- SIP – इसमें हम इंस्टॉलमेंट में पैसे निवेश कर सकते हैं।
- LUMPSUM – इसमें हम एक साथ ही निवेश कर सकते हैं ।
जैसे की हमने बताया था इसमें लॉकिंग पीरियड 3 साल का होता है तो इसमें SIP या फिर Lump Sum किसी से भी पैसे निवेश करने पर 3 साल के बाद ही पैसे withdraw कर सकते है।
Equity Linked Savings Scheme फंड के प्रकार :-
तो सामान्यतः ELSS तीन प्रकार के होते हैं –
- Dividend fund – इसमें आपको समय समय पर इन्वेस्टमेंट का डेइविडेंट मिलता रहता है । इसे लोग थोड़ा कम प्रेफर करते है क्योंकि इसमें हमे कंपाउंडिन गेन नहीं मिलती है ।
- Growth fund – इसमें आपको डिविडेंट समय पर नहीं मिलता है बल्कि आपके पैसे कंपाउंड होकर इन्वेस्ट होते रहते हैं और इस में कंपाउंडिंग इफेक्ट को वजह से आपके पैसे मल्टिपलाई होते रहते हैं और आपका जो कॉर्पस है वो बढ़ता रहता है ।
- Dividend Reinvestment Fund – इसमें आपको जो भी डिविडेंड मिल रहा होता है आप उसको री इन्वेस्ट कर सकते हो जब आप ऐसा करेंगे तो आपका लॉकिंग पीरियड री इंवेस्टमेंट की डेट से शुरू हो जायेगा । इसका मतलब की जैसे जैसे आप री इन्वेस्टमेंट करते जायेंगे आपका लॉकिंग पीरियड बढ़ता जायेगा ।
निष्कर्ष :-
तो आज की इस आर्टिकल में हम ने जाना है की ELSS क्या है और इससे जुड़ी हुई तमाम जानकारी मुझे आशा है आपके लिए यह आर्टिकल उपयोगी रही होगी तो आप जरूर इसे अपने दोस्त को शेयर कीजिए । तो अगर आप लंबे समय तक किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते है तो यह आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है तो आपके सुझाव हमें कॉमेंट बॉक्स में जरूर दे और ELSS से जुड़े कोई भी प्रश्न है तो भी आप कॉमेंट बॉक्स के माध्यम से हमसे पूछ सकते है हम आपके स्वाला का जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे तो आज के लिए बस इतना ही मिलते है अगले आर्टिकल में धन्यवाद!
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बजरंग जोगी ने वित्त और बीमा क्षेत्र में अपने विस्तृत ज्ञान और अनुभव का उपयोग करके एक वित्तीय सलाहकार के रूप में कई वर्षों से काम किया है। जो वित्त, बीमा, ऋण, क्रेडिट कार्ड, टेक्नोलॉजी,और वित्तीय योजनाओं के बारे में आर्टिकल लिखते हैं। बजरंग जोगी का लेखन अत्यंत व्यावसायिक और सुलभ भाषा में होता है, जिससे पाठकों को समझने में आसानी होती है।